ग़ुरूर उस पे बहुत सजता है मगर कह दे,इसी में उसका भला है ग़ुरूर कम कर दे,यहाँ लिबास की कीमत है आदमी की नहीं,मुझे गिलास बड़े दे शराब कम कर दे,चमकने वाली है तहरीर मेरी क़िस्मत की,कोई चिराग़ की लौ को ज़रा सा कम कर दे...


 

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